ये प्यार तुम्हारा है …ये प्यार तुम्हारा है
इन नैनों में खो जाने को शृंगार हमारा है
बिंदिया की लाली को आधी रहने दी है
आधी अपनी साड़ी सादी ही रहने दी है
तुम्हें रोज़ अपने हाथों से जब माँगों में भरती हूँ
हो उठती पूरी ये आधी जब बाहों में भरती हूँ
जो दिया मिलन पर पहली बार ये हार तुम्हारा है
ये प्यार तुम्हारा है … ये प्यार तुम्हारा है
कुछ कहने को उठते ये होंठ, फिर चुप हो जाते हैं
अब नज़रों को करने दो बातें, सुन चुप ये रातें हैं
बाहों के घेरों में घिर कर थोड़ी देर तो होने दो
लमहों को रुक जाने दो और आहों को भर लेने दो
सब कुछ अब तो मौन कहेगा और एकांत हमारा है
तुम्हें भला क्या दूँ मैं सजनी,ये प्यार तुम्हारा है
ये प्यार तुम्हारा है … ये प्यार तुम्हारा है