मित्रों से ख़ुशी झूम जाते हैं हम
मिलकर ये होली मनाते हैं हम
गिलेशिकवे जो भी रहे साल भर
चलो हँसकर उन्हें भूल जाते हैं हम
कुछ ऐसे ये होली मानते हैं हम
तुम लगती प्रिये मलाई-सी आज
पकड़ी पिया ने कलाई है आज
भिगो दो मुझे,मान जाते हैं हम
कुछ ऐसे ये होली मानते हैं हम
रंगों की चमक और उड़ाना गुलाल
सखी का गुलाबी करना है गाल
मिलन को सखी से आते हैं हम
कुछ ऐसे ये होली मानते हैं हम
होली मनाई ये क्या कर दिया
रंगों से सखी को रंगीं कर दिया
चलो मिलकर सखी अब नहाते हैं हम
कुछ ऐसे ये होली मानते हैं हम