विघ्न विनायक गौरी नंदन
करूँ प्रणाम तेरा अभिनन्दन
सब देवो में पहले देवा
करहूँ मैं पूजा, करहूँ मैं सेवा
हे तेरे आशीष को चाहूँ
मन शुधि कर तुझको पाऊं
कर-बद्ध तेरे चरणों में खड़ा
पा तेरी कृपा हो जाऊं बड़ा
सुमुख, गजानन, गणाध्यक्ष
हो महागणपति, सुराध्यक्ष
जय महावीर, मान्य, दविमुख
तुम वीरपति, तुम देव-प्रमुख
शीश नवा, माला ये अर्पण
कर पवित्र, मन-मंदिर दर्पण
ओ मूषक वाहन, लम्बोदर
हो अन्तर्यामी, हे परमेश्वर