आज शाम संदेश है आया
मोदीजी ने ख़ुद ही सुनाया
‘मित्रों’ काले धन पे मैंने खाई है सौगंध
आज रात से पाँच सौ और हज़ारी बंद
मतलब जिनके पास भरे पड़े बड़े-बड़े बड़े नोट
उनकी शामत आन पड़ी जिनकी नियत खोट
मोदीजी की मुद्रा नीति ने किया बड़ा है खेल
कालाबाज़ारी, भ्रष्टाचारी और आतंकी फ़ेल
ज़ीरो हो गया पाँच सौ, शून्य हुआ हज़ार
लम्बी-लम्बी लाइन में मिलते चार हज़ार
मानो ATM देवता मन्नत करे हैं लोग
मुझको तुम ‘आशीष’ दो, लो डेबिट कार्ड का भोग
जनता है लाचारी में, हुए पड़े बेहाल
सौ-सौ के चक्कर में बहुत बुरा है हाल
सहती सबकुछ जनता है और क़तार वहीं है बरक़रार
जल्दी कुछ राहत बरपो, सुन लो मेरी मोदी सरकार
वाह वाह के चक्कर में, निकल रही अब आह
दूल्हा-दुल्हन लाइन में, क्या वहीं रचाएँ ब्याह
कुछ भी पर ग़ज़ब का, निर्णय लिया कमाल
नए-नए से गांधीजी संग नया नोट बहाल
‘मित्रों’ प्यारे धन्यवाद सुनने को ये ‘मन की बात’
अब जल्दी जाओ ATM पर और लाइन लगाओ पूरी रात